सुमित चौधरी की नौ कविताएं
1. रोटी का दाम कितना उपयोगितावादी हुआ जा रहा है हमारा समाज कि हर वस्तु को देखता है बाज़ार की नजर से यह तनिक भर याद नहीं ...
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-संपादक
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