जापान के लोगों में सबसे बड़ी बात आत्मानुशासन है : नीतिश कुमार
पटना, 24 फरवरी 2018। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
आज मिथिलेश स्टेडियम में बिहार पुलिस वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह 2018 के मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर आयोजित कार्य क्रम को संबोधित
करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इस समारोह में शामिल होकर मुझे खुशी हो
रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूं तो पुलिस सप्ताह का आयोजन 1951 एवं 1958 में किया गया
था लेकिन वास्तविक रूप से 2007 से इसे प्रारंभ किया गया है और वर्ष 2013 से 22 फरवरी से 27 फरवरी तक पुलिस सप्ताह का नियमित रूप से आयोजन हो रहा है। पुलिस सप्ताह
में पुलिस अधिकारी आपसी विचार-विमर्श करते हैं और अपने अनुभव भी साझा करते
हैं। उन्होंने कहा कि इस बार इनडोर और आउटडोर सेशन का आयोजन किया जा रहा है।
इनडोर सेशन में राज्य एवं बाहर के विशेषज्ञों द्वारा भी अपने विचार साझा
किए गए, जिसमें विभिन्न विषयों
पर विशेष रूप से चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि क्राउड मैनेजमेंट, टेररिज्म, आर्गेनाइज्ड
क्राइम, चाइल्ड मैरिज, डाउरी डेथ, चाइल्ड लेबर, ह्यूमन ट्रैफिकिंग, स्पीडी ट्रायल, प्रोहिबिशन जैसे कई गंभीर
विषयों पर सार्थक चर्चा हुई।
अपराध के आंकड़ों मेें बिहार का स्थान 22वां है
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को पुलिस बल में 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है। पहले से ही तीन प्रतिशत का आरक्षण पिछड़े वर्ग
की महिलाओं को दिया गया है। यानी 97 प्रतिशत में से 35
प्रतिशत का आरक्षण नए सिरे से महिलाओं को दिया गया है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार का ये ठोस कदम है।
पुलिस बल में नियुक्ति के चंद महीनों के बाद ही थाने और कार्यालयों में वॉशरूम और टॉयल
रेट की व्यवस्था की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग पुलिस बल की सुविधाओं के प्रति
गंभीर हैं। उन्होंने कहा कि रूल ऑफ लॉ स्थापित करने में कामयाबी मिली है। भारत
सरकार के राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो द्वारा 2016 के जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में प्रति एक
लाख की जनसंख्या पर 233.6 के तुलना में बिहार में 157.4 अपराध के आंकड़े हैं और राज्य का स्थान 22वां
है। महिला अपराध में राज्य का स्थान 29वां है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं अपनी समीक्षा बैठकों के दौरान यह
सुझाव देता रहा हूँ कि वैज्ञानिक तरीके एवं नवीनतम
तकनीक के इस्तेमाल कर अपराध के अनुसंधान किए जाएं। साथ ही परंपरागत तरीके के ट्रेनिंग में
भी कमी नहीं होनी चाहिये। पुलिस बल की निरंतर जागृति एवं लोगों के संपर्क से अपराध
नियंत्रण में सफलता मिलेगी।
पुलिस बल की कार्य संस्कृति औरों से भिन्न है
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद 12 वर्षों में पुलिस के क्षेत्र में अनेक काम किए गए हैं। पुलिस की पोशाक के लिए उन्हें
राशि मुहैया करायी गई है। नए वाहन, नए शस्त्र एवं ऑफिस की सामान्य जरूरतों को पूरा
करने के लिए संसाधन उपलब्ध करायी गई है। राज्य में एक लाख की आबादी के लिए जितने
पुलिस बल की संख्या की जरूरत हो, उसकी नियमित बहाली होनी चाहिए साथ ही सेवानिवृति
होने वाले पदाधिकारियों की जगह नए पदाधिकारी की नियुक्ति भी होनी चाहिए। मुख्यमंत्री
ने कहा कि कानून व्यवस्था को कायम रखने के लिए पुलिस को काफी मेहनत करनी पड़ती है, उन्हें हमेशा सतर्क रहना पड़ता है। पुलिस बल की कार्य संस्कृति औरों से भिन्न है। इन
सब चीजों को ध्यान में रखते हुए हमलोगों का दायित्व है कि इनकी सुविधाओं का ख्याल
रखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2007 में पुलिस एक्ट बनाया गया, जिसमें हर थाने में जांच और कानून-व्यवस्था को दो
हिस्सों में बांट कर काम को आसान बनाया गया। दोनों के लिए अलग-अलग
लोग जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। हाल ही में समीक्षा बैठक के दौरान अपराध की
माइक्रो लेवल पर चर्चा हुई। हमने किस इलाके में किस तरह के अपराध हो रहे हैं, इन सबका विश्लेषण करने को कहा है ताकि थाने एवं उसके नीचे गांव तक में किस तरह के अपराध हो
रहे हैं, उसके बारे में जानकारी
मिल सके। उन्होंने कहा कि इससे निचले स्तर तक काम
करने वाले कर्मचारियों का भी आंकलन हो सकेगा। साथ ही अपराध की प्रकृति के बारे में
जानकारी मिलने से पहले से सतर्क रहा जा सकता है।
राजगीर में भी पुलिस अकादमी बन रहा है
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस महानिदेशक श्री पी0के0 ठाकुर सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त होने वाले हैं। उन्होंने पुलिस बल के क्षेत्र में अनेक काम किए हैं, जो नए डी0जी0पी0 का चयन होगा उनका कर्तव्य होगा कि राज्य में होने वाले पुलिस के क्षेत्र में प्रगतिशील कार्यों को आगे बढ़ाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि नया पुलिस भवन बनकर तैयार होने वाला है। इसकी खासियत है कि 8 से 9 तीव्रता वाले भूकंप में भी इसका अस्तित्व बना रहेगा और उसमें आपदा प्रबंधन के सारे काम होते रहेंगे। राजगीर में भी पुलिस अकादमी बन रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार की सबसे बड़ी पूंजी इसका इतिहास है। हमलोगों ने सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र बनवाया है। यह स्टील स्ट्रक्चर का है जो आइकोनिक है। यहां बापू सभागार एवं ज्ञान भवन है और इसके साथ ही सभ्यता द्वार बनकर तैयार हो रहा है और सम्राट अशोक की प्रतिमा भी लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि बिहार संग्रहालय की प्रशंसा देश एवं देश से बाहर हो रही है।कानून से ऊपर कोई नहीं है
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस अधीक्षक को पुलिस
लाईन में जाकर नियमित रूप से समस्याओं और मिल रही सुविधाओं का निरीक्षण करना
है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सब चीजों के अलावा अन्य नए काम भी किए जा रहे हैं।
शराबबंदी से नशा मुक्ति के लिए पिछले वर्ष मानव श्रृंखला बनी थी और इस वर्ष बाल विवाह
एवं दहेज प्रथा के खिलाफ 14 हजार किलोमीटर की मानव श्रृंखला बनी। ए0डी0जी0 या आई0जी0
प्रोहिबिशन का पदसृजित किया गया है। इसमें नई तकनीक का प्रयोग किया जाएगा।
सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा। एक नंबर बिजली विभाग के ट्रांसफार्मर पर
लिखा रहेगा, जिस पर कोई भी गड़बड़ी की सूचना दे सकेगा। सामाजिक बिंदू पर सचेत और सजग
रहने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2006-07 में पुलिस द्वारा बच्चों को पढा़ने-लिखाने के काम को मैं नहीं भूल
सकता हूँ। बिहार पुलिस अपने कर्तव्यों का निर्वहन करती
आ रही है। बिहार के पुलिस बल पर मुझे पूरा भरोसा है। मुझे अपने बिहार की पुलिस पर नाज
है। आप अपने कर्तव्य का निर्वहन करते रहिए, आपका कर्तव्य विशिष्ट है। समाज के लोगों के साथ संवाद स्थापित कर आप
बेहतर ढंग से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें ताकि समाज
में कानून का राज स्थापित हो। कानून से ऊपर कोई नहीं है। कानून सब पर समान रूप से लागू
है।
अपराध नियंत्रण के क्षेत्र में सफलता मिली है
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में मैं जापान के दौरे से लौटा हूँ, वहां के लोगों में जो सबसे बड़ी बात देखी वह है, आत्मानुशासन। आत्मानुशासन जरूरी है तभी आपको मनचाहा परिणाम मिल सकता है।निरंतर संवाद और विमर्श दोनों चलते रहना चाहिए ताकि नई बात सामने आएगी और कार्रवाई करने में भी सुविधा होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जिन पुलिस पदाधिकारियों, नागरिकों को मेरे हाथों पुरस्कृत किया गया है और जिनको अभी पुरस्कृत किया जाना है उन सबको बधाई देता हूँ। जिन नागरिकों को पुरस्कृत किया गया है, उनके सहयोग और जागरूकता से अपराध नियंत्रण के क्षेत्र में सफलता मिली है। मैं वर्तमान पुलिस अधिकारी, पूर्व पुलिस अधिकारी, उपस्थित उनके परिवारजनों को बधाई देता हूँ। उन्होंने कहा कि नियमित रूप से इसका आयोजन होता रहे और जिससे नई चीजें उभर कर सामने आएंगी। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के शुरूआत में परेड का निरीक्षण किया और सलामी ली। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आई0पी0एस0 अधिकारी आलोक राज, सुशील मान सिंह खोपड़े, जीतेंद्र राणा, गोपाल प्रसाद, अरविंद कुमार गुप्ता, जयंत कांत सहित अन्य पुलिस पदाधिकारियों एवं आरक्षियों को विषिष्ट सेवा पदक/वीरता पदक से अलंकृत किया। साथ ही सात नागरिकों को भी वीरता के लिये प्रषस्ति पत्र से सम्मानित किया। पुलिस महानिदेशक पी0के0 ठाकुर ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिह्न भेंट किया।
-रिपोर्ट, पीआरडी।
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