सड़क हादसों के लिए स्पीड ब्रेकर कोई समाधान नहीं : नीतीश कुमार
पटना, 25 फरवरी 2018। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज 1
अणे मार्ग स्थित ‘विमर्श’ में बिहार के विभिन्न हिस्सों में हो रही सड़क दुर्घटनाओं को ध्यान में
रखते हुए सड़क सुरक्षा के मद्देनजर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में शनिवार को मुजफ्फरपुर
में हुई सड़क हादसे में बच्चों की मौत से मुख्यमंत्री काफी मर्माहत दिखे। उन्होंने कहा कि यह
घटना विचलित करने वाली है और बहुत ही दुःखद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रीन फील्ड, नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे
और फोर लेन सड़कों के बनने का काम तो जारी रहेगा लेकिन बिहार की आबादी के
घनत्व को ध्यान में रखते हुए सड़क सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि इस तरह
के हादसों से लोगों को बचाया जा सके।
सड़कों पर परिचालन का भार बढ़ रहा है
बैठक करते मुख्यमंत्री और अधिकारीगण। |
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती करने वाले सड़क किनारे बसे लोग अपने जानवर
और कृषि यंत्रों को लेकर सड़क पार कर खेतों तक जाना
उनकी अनिवार्यता है, ऐसे में कैसे वे
सुरक्षित तरीके से सड़क पार कर सकें, इसके लिए नए सिरे से सोचने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आबादी
बढ़ती जा रही है और गुड्स का मवूमेंट भी हो रहा है, इससे सड़कों पर परिचालन का भार बढ़ रहा
है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्पीड ब्रेकर कोई समाधान नहीं, कानून कितना प्रभावी है, लोग कितने जागरूक हैं, संरचना
जैसे अन्य विषयों पर सोचने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के मद्देनजर कानून में प्रावधान, संरचना में सुधार, सुरक्षा
और जागरूकता जैसे हर पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कुछ समाधान
निकालना होगा ताकि ऐसी मर्माहत करने वाली घटनाओं पर रोक लगाई जा सके। पथ निर्माण विभाग और
ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब जो भी नई
सड़कें बनें, उसमें अंडर पास और फूट ओवरब्रिज की भी जरूरत के मुताबिक व्यवस्था होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि फूट ओवरब्रिज का डिजाइन और स्लोप ऐसा होना चाहिए कि दिव्यांग व्यक्ति और
जानवर भी आसानी से उस पर जा सकें।
उच्चस्तरीय अधिकारियों की एक कमिटी गठित
मुख्यमंत्री ने कहा कि 12 करोड़ की आबादी वाले 94 हजार किलोमीटर
क्षेत्रफल में फैले हुए बिहार के अर्बन, सेमी
अर्बन, रूरल जैसे हर क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए कुछ
अलग तरीके से सोचने और करने की आवश्यकता है। उन्होंने विकास आयुक्त की अध्यक्षता में
संबंधित विभागों के उच्चस्तरीय अधिकारियों की एक कमिटी बनाने का निर्देष दिया, जो इस संबंध में हर पहलू पर विचार कर अपना मतंव्य दे।
-रिपोर्ट, पीआरडी।
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