कांग्रेस भ्रष्टाचार की जननी है : नित्यानन्द राय
बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने
नोटबंदी के दो साल पूरे होने पर देश की
अर्थव्यवस्था में आए क्रान्तिकारी परिणाम को देश की जनता के हित में बताया है. उन्होंने
कहा कि कांग्रेस काल में फल-फूल रहे कालाधन और भ्रष्टाचार के ऊपर भाजपा सरकार ने
अंकुश लगाकर राष्ट्रहित में विकास का काम किया है. नोटबंदी के दो साल पूरे होने पर
कांग्रेस अपने वजूद ख़त्म होते जाने और हाशिये पर सिमटते जाने का रुदन-क्रंदन करके
शोक मना रही है.
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नित्यानन्द राय, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा,बिहार |
उन्होंने कहा है कि
कांग्रेस के लोगों को नोटबंदी के पोजिटिव आंकड़े नहीं दिखते हैं. वित्त वर्ष 2017-18 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल
करने की अंतिम तिथि 31 अगस्त की समाप्ति पर प्राप्त कुल रिटर्न की संख्या 71% बढ़कर 5.42 करोड़ रही. अगस्त 2018 तक दाखिल आयकर रिटर्न की
संख्या 5.42 करोड़ है जो 31 अगस्त 2017 में 3.17 करोड़ थी. यह दाखिल रिटर्न
की संख्या में 70.86% वृद्धि को दर्शाता है जो
एक क्रान्तिकारी संकेत हैं. वहीँ अगस्त 2018 में मोबाइल बैंकिंग के जरिए 2.06 लाख करोड़ रुपये का ट्रांजैक्शन हुआ जो कि अक्टूबर 2016 के 1.13 लाख करोड़ रुपये के
मुकाबले 82 प्रतिशत ज्यादा है.
नोटबंदी की वजह से बैंकों में काफी बड़ी मात्रा में डिपॉजिट आया है. इसका फायदा
बैंकों ने आम आदमी को सस्ते कर्ज के तौर पर दिया. जिससे साबित होता है कि पिछले
साल के मुकाबले इस साल हाउसिंग दरों में 3 फीसदी तक कमी आई है. पिछले साल ये दरें जहां 10.5 फीसदी से लेकर 12 फीसदी तक थीं, अब ये 8 से 9 फीसदी पर आ गई हैं.
बिहार भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आयकर विभाग ने
संदिग्ध लेन-देन को लेकर 517 नोटिस जारी किए थे, जिसके बाद 1833 करोड़ रुपये की 541 संपत्तियां जब्त की गई। आयकर विभाग द्वारा 9 नवंबर 2016 से लेकर मार्च 2017 के बीच चलाए गए करीब 900 सर्च अभियान में 900 करोड़ रुपये की संपत्ति
सीज की गई। नोटबंदी के बाद तीन लाख से
अधिक शेल यानी मुखौटा कंपनियों का पता लगाया जा सका है, जिनपर कार्रवाई की गई।
सरकार ने 2.24 लाख कंपनियों को बंद कर
दिया। ये कंपनियाँ सरकार की अनुमति के बिना अपने ऐसेट्स को बेच या ट्रांसफर नहीं
कर सकती हैं। नोटबंदी के बाद भारत एक
लेस कैश सोसाइटी की दिशा में डिजिटल ट्रांजेक्शन्स 300 प्रतिशत तक बढ़े। नोटबंदी के बाद डिजिटल लेन-देन काफी तेजी से बढ़ा
है। अगस्त 2016 में 87 करोड़ डिजिटल लेन-देन हुए
थे, जबकि 2017 में यह संख्या 138 करोड़ हो गई यानी 58 प्रतिशत की वृद्धि। नोटबंदी के चलते
आतंकवादियों और नक्सलवादियों की कमर टूट गई। पत्थरबाजी की घटनाएं पिछले वर्ष की
तुलना में घटकर मात्र एक-चौथाई रह गईं।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी को
लागू करते वक्त यही कांग्रेस के लोग दुष्प्रचार करते थे कि जिन लोगों के पास काला
धन है वे लोग उन पैसो को बैंकों में जमा नहीं करेंगे और वे पैसे बेकार हो जाएंगे.
हालांकि हुआ उसका ठीक उल्टा और नोटबंदी के दौरान बंद हुए लगभग सभी पुराने नोट वापस
आ चुके हैं. आरबीआई ने अपनी एनुअल जनरल रिपोर्ट में कहा कि कुल 99.30 फीसदी 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट वापस आ
चुके हैं. यानी कालेधन को लेकर जो दावा किया था वह भी कही नहीं टिका. कांग्रेस का
झूठ और प्रोपोगंडा एक्सपोज हो गया है.
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