साहित्य गौरव सम्मान 2019 से सम्मानित हुए आशीष कुमार 'दीपांकर'
दिल्ली. लोकतांत्रिक और मानवीय मूल्यों को अपने रग-रग में समाए, मानवता और भाईचारा की करुणा को पग-पग पर मिसाल बनाए,
अथक मेह्नत और अटूट लगन से अपनी कलम को कमजोरों की ताकत बनाने वाले आशीष
कुमार 'दीपांकर' को साहित्य गौरव
सम्मान 2019 से सम्मानित किया गया है.
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के हिंदी विभाग के शोध छात्र आशीष कुमार 'दीपांकर'
जो डॉ. नीरू राजकुमारी के शोध निर्देशन में अपना शोध कार्य कर रहे हैं।
आप ग्राम- इकबालपुर, पोस्ट- हलधरपुर, जनपद-मऊ
के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं। आप एक दलित चिंतक के रूप में उभर रहे हैं।
आपको सर्वप्रथम 2014 में हिंदुस्तानी एकेडमी, इलाहाबाद द्वारा व्यंग्य लेखन कार्यशाला में गोपाल चत्रुवेदी द्वारा
सम्मानित किया गया था।
तत्पश्चात आपके द्वारा संपादित पुस्तक 'कवि रैदास: एक सबर्ल्टन चिंतन' जो कि 2018 में बहुत ही चर्चित रही है। इस पुस्तक में 18
प्रदेश के 62 लेखकों का 360 पेज का एक
विशाल संग्रह है। इस पुस्तक पर 'टांटिया विश्वविद्यालय,
श्री गंगानगर, राजस्थान एवं गुगनराम एजुकेशनल एँड
सोशल वेलफेयर सोसायटी, भिवानी हरियाणा द्वारा 'श्रीमती सरबती देवी गिरधारी लाल सिहाग साहित्य सम्मान' से भी नवाजा गया था.
आशीष कुमार 'दीपांकर' द्वारा संपादित पुस्तक "भारतीय समाज में किन्नरों का यथार्थ" के
लिए 24 जून 2019 को उन्हें 'किन्नर अधिकार ट्रस्ट', गुहला-चीका, जिला-कैथल, हरियाणा द्वारा "साहित्य गौरव
सम्मान 2019" से सम्मानित किया गया। यह सम्मान टांटिया
विश्वविद्यालय, राजस्थान एवं किन्नर अधिकार ट्रस्ट (रजि.),
कैथल, हरियाणा के संयुक्त तत्वावधान में
गुहला-चीका, कैथल, हरियाणा में 23-24 जून, 2019 को सम्पन्न 'किन्नर
समाज विविध परिपेक्षीय विमर्श' विषयक दो दिवसीय
अन्तर्राष्ट्रीय बहुउद्देशीय संगोष्ठी में दिया गया। अभी आपका कार्य 'मण्डल कमीशन' पर चल रहा है। इसके पूरे होते ही आप
अगली प्लानिंग में जुट जाएंगे। इस तरह से आप लगातार साहित्य के क्षेत्र में तन,
मन, धन से समर्पित हैं। इस पुरस्कार समारोह में
संस्था के सचिव डॉ. नरेश सिहाग, माई मनीषा महंत, प्रो.विनोद तनेजा, महारानी इन्द्रजीत कौर सिद्धू व
संस्था से जुड़े सभी सदस्य उपस्थित थे.
-दिनेश कुमार
शोधार्थी, हिन्दी विभाग,
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्विद्यालय, जौनपुर
मोबाइल-9670526337
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