अब Crona 19 से लड़ेंगे रिटायर सैनिक
सैनिक अपनी दिलेरी और जाँबाज़ी के लिए जाने जाते हैं. अपने कर्म को अपना
धर्म मानकर अपनी जान देश पर न्योछावर करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. देश की आन-बान-शान
के लिए हँसते-हँसते-कुर्बानी देने वाले आज भी वैश्विक महामारी कोविड-19 से हर मोर्चे पर लड़ने के लिए तैयार हैं.
गौरवान्वित करने वाली बात
यह है कि जो सैनिक रिटायर कर चुके हैं. वे आज वैश्विक महामारी कोविड-19 से लड़ने के लिए तैयार हैं. रक्षा मंत्रालय के पूर्व-सैनिक कल्याण विभाग
(ईएसडब्ल्यू) ने पूर्व सैनिकों को अपनी सेवाएं देने के लिए एकजुट किया है. राज्य
सैनिक बोर्ड और जिला सैनिक बोर्ड राज्य और जिला प्रशासन की सहायता के लिए अधिकतम
ईएसएम वॉलेंटियर को जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. पूर्व सैनिक
संपर्क का पता लगाने, समुदाय की निगरानी करने, क्वारंटाइन सुविधाओं का प्रबंधन करने जैसे कार्यों में सहायता प्रदान
करेगें.
पूर्व सैनिक अपने आदर्श "स्वयं से पहले सेवा" का ध्यान में रखते
हुए सेवा और सहायता प्रदान करने के लिए तैयार हैं. पूर्व सैनिक अनुसासित, प्रेरणा से युक्त और विपरीत परिस्थितियों में कार्य करने के लिए
प्रशिक्षित हैं. पूर्व सैनिकों की उपस्थिति पूरे देश के सभी जिलों और गांवों में
है. इसका लाभ पूरे देश को होगा.
पंजाब राज्य में "गार्जियन ऑफ गवर्नेंस" संगठन में 4200
पूर्व सैनिक हैं, जो गांवों के डाटा संग्रह
में प्रशासन की सहायता कर रहे हैं. वहीं छत्तीसगढ़ सरकार ने पुलिस की सहायता के
लिए कुछ पूर्व सैनिकों की सेवाएं ली हैं. इसी प्रकार आंध्र प्रदेश में सभी जिला
कलेक्टरों ने पूर्व सैनिकों की सेवाएं प्राप्त करने का प्रस्ताव दिया है. उत्तर
प्रदेश में सभी जिला सैनिक कल्याण अधिकारी जिला नियंत्रण कक्षों के संपर्क में हैं
तथा सेवानिवृत्त सेना चिकित्सा कर्मियों की पहचान की गई हैं तथा उन्हें तैयार रहने
के लिए कहा गया है. इसके अलावा उत्तराखंड में सैनिक रेस्ट हाऊसों को अलग-अलग रहने/क्वारंटाइन सुविधाओं के लिए तैयार किया गया है. गोवा में एक नियंत्रण कक्ष
स्थापित किया गया है और पूर्व सैनिकों को स्थानीय प्रशासन की सहायता हेतु तैयार
रहने के लिए कहा गया है.
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