गाँधी जी की पाठशाला की पहली वर्षगांठ पर हुआ कार्यक्रम
गाँधी जी की पाठशाला की पहली वर्षगांठ
आज गाँधी जी की पाठशाला के प्रथम स्थापना दिवस के अवसर
पर पद्मश्री राम बहादुर रॉय, अध्यक्ष, आईजीएनएसी एवं बलदेव भाई शर्मा, कुलपति, केटीयूजेएम की उपस्थिति में 'भारतीय संविधान एवं गांधी विषय' पर ज्ञानवर्धक पाठशाला हुई।
गांधी जी की पाठशाला एक संस्था है जिसकी स्थापना क्लासरूम कंज्यूमर व्यस्था को हटाकर गुरु शिष्य परंपरा को पुनर्स्थापित करने के उद्देश्य से की गई है। इसके लिए पाठशाला में अतिथियों को वक्ता न कहकर उनके लिए शिक्षक शब्द का प्रयोग किया जाता है।
इस पाठशाला में अब तक देश के कई जाने माने साहित्यकार, पत्रकार व सामाजिक चिंतक जिनमें विवेक मिश्र, मालविका जोशी, प्रोफेसर आनंद, सोनल झा, डॉक्टर विजय गुर्जर, आईआरएस पंकज कंबोज आदि शामिल हैं, उन्होंने शिक्षक के रूप में छात्रों का ज्ञानवर्धन किया है।
पाठशाला के संरक्षक डॉक्टर सुभाष गौतम पाठशाला का एक वर्ष पूरा होने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहते है कि, 'जिस उद्देश्य के साथ इस पाठशाला की नींव हमने रखी थी, वह अब तक बिना किसी बाधा के पूरा होता रहा है। हमें उम्मीद नहीं थी कि इस बाजारवाद के दौर में हम इस तरह की व्यवस्था को इतनी जल्दी पुनः स्थपित कर पाएंगे।'
पाठशाला के एक आयोजक छात्रों में एक आतिश आलोक ने पहली कक्षा को याद करते हुए कहा कि,'तब हमने सोचा नहीं था हमें ऐसे गुरुओं का सहयोग प्राप्त होगा। हम तो बस अपने और कुछ छात्रों के मन में नित्य उठते सवालों का जवाब ढूंढ रहे थे और इसी क्रम में इस संस्था का निर्माण आदरणीय गौतम सर ने किया। आज इस संस्था की ऊंचाई को देख गर्व होता है।'
हम पिछले कई वर्षों से गांधीजी की पाठशाला का आयोजन करते आ रहे हैं। जिसमें हर सप्ताह एक शिक्षक की खोज की जाती है जो छात्रों के साथ संवाद करते हैं; जिसमें गहन विचार-मंथन होता है। इस वेबिनार गोष्ठी में दिल्ली व देश के अलग-अलग संस्थान से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले छात्र शामिल होते हैं। यह वेबिनार-गोष्ठी गूगल-मीट (वर्चुअल) के माध्यम से की जाती है। इससे पहले यह मण्डी हाउस के किसी पार्क या सड़क किनारे होती थी, जो पूर्णतः मौखिक परम्परा पर आधारित थी।
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