सेवानिवृत्त शिक्षक और कर्मी संगठित होकर करें संघर्ष : पूर्व कुलपति
आज नवगठित बिहार राज्य विश्वविद्यालय-महाविद्यालय सेवानिवृत्त शिक्षक-कर्मचारी कल्याण परिषद् की एक ऑनलाइन बैठक हुई, जिसमें बिहार राज्य के कोने-कोने से सैकड़ों की संख्या में शिक्षक तथा शिक्षकेत्तर कर्मियों ने भाग लिया। संगठन के संकल्प पत्र को प्रस्तुत करते हुए उसके संयोजक प्रो. (डॉ.) देवेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि हम सेवानिवृत्त शिक्षकों की बौद्धिक संपदा के राष्ट्रहित में समुचित सदुपयोग का प्रबंधन करेंगे और उन्हें चिकित्सीय सुविधा, वैधानिक सहयोग और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेंगे। हम उनके जीवन के शेष वर्षों को सुखमय एवं शांतिपूर्ण बनाकर उनकी ऊर्जा को समाज कल्याण में लगाने का हर संभव प्रयास करेंगे।
भावी योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए उक्त कल्याण परिषद् के सह-संयोजक डॉ. शिव प्रसन्न शर्मा ने कहा कि सेवानिवृत्त विश्वविद्यालय कर्मियों के प्रति उपेक्षापूर्ण सरकारी नीतियों के खिलाफ इस समाज को जागरुक एवं संगठित किया जाएगा।
जे.पी. आंदोलनकारी मंच के प्रांतीय अध्यक्ष सह इस परिषद् के संचालन समिति के प्रमुख सदस्य श्री राम प्रवेश सिंह ने कहा कि सरकार पर दबाव बनाकर सेवानिवृत्त विश्वविद्यालय कर्मियों के हर माह की पहली तारीख को मासिक पेंशन के भुगतान को सुनिश्चित करवाने का प्रयास किया जाएगा।
ऑनलाइन बैठक को संबोधित करते हुए वरिष्ठ शिक्षक नेता प्रो. (डाॅ.) पारस नाथ सिंह ने कहा कि पूरे बिहार में हमारी संख्या चालीस हजार से भी ज्यादा है और इतनी बड़ी आबादी के साथ सरकार को न्यायपूर्ण व्यवहार करना ही होगा, अन्यथा हम संगठित होकर संघर्ष के लिए विवश हो जाएंगे।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे बी.आर.ए. बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के पूर्व कुलपति प्रो. (डॉ.) अमरेंद्र नारायण यादव ने सेवानिवृत्त शिक्षकों एवं कर्मियों को संगठित होकर अपने साथ हो रहे अन्याय के लिए संघर्षरत होने का आह्वान किया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए मगध विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. (डाॅ.) हरि मोहन प्रसाद ने सेवानिवृत्त शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों की दयनीय स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए सरकार को समय रहते उनकी समस्याओं के निदानार्थ समुचित प्रयास करने का आग्रह किया।
अपने स्वागत भाषण में मगध विश्वविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. (डाॅ.) अरुण कुमार ने सेवानिवृत्त कर्मियों की सामाजिक उपेक्षा एवं सरकार की अनदेखी की भर्त्सना किया।
धन्यवाद ज्ञापित करते हुए एल.एन. मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के वरिष्ठ शिक्षक नेता प्रो.(डाॅ.) शारदा नंद चौधरी ने आपस में संगठित होकर संघर्षरत होने का आह्वान किया।
बी.एन. मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के प्रोफेसर (डाॅ.) शिवमुनी यादव; बी.आर.ए. बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के प्रो. (डाॅ.) विकास नारायण उपाध्याय; जे.पी. विश्वविद्यालय, छपरा के प्रो. (डाॅ.) एस. के. सिंह; वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा के प्रो. (डाॅ.) पारस राय , मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के डॉ. रूपेश कुमार तथा तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के प्रो. एस. एन. पांडेय सहित लगभग दर्जन भर लोगों ने सभा को संबोधित किया।
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