अंतर्राष्ट्रीय सावित्रीबाई फुले अवार्ड से डॉ धर्मवीर यादव गगन को किया गया सम्मानित
नई दिल्ली. अंतर्राष्ट्रीय सावित्रीबाई फुले अवार्ड से दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन ऑफ कॉलेजेज प्रो. बालाराम पाणि ने बृहस्पतिवार 23-1-2025 को शिक्षा और स्त्री कल्याण के क्षेत्र में सराहनीय सेवा और उल्लेखनीय योगदान देने वाली देशभर की 30 विदुषी महिला शिक्षाविदों / समाजसेवियों को सम्मानित किया। इस वर्ष का द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय सावित्रीबाई फुले अवार्ड कालिंदी कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो. मीना चरांदा को दिया गया। सम्मान स्वरूप उन्हें 11 हजार रुपये, शॉल, स्मृतिचिन्ह, प्रशस्ति पत्र, पटका दिया गया। इसके अलावा संसद टीवी एंकर डॉ. मनोज वर्मा, विवेकानंद कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो.पिंकी मौर्य, अरबिंदो कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. अरुण चौधरी, भीमराव अंबेडकर कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. सदानंद प्रसाद, संयुक्त कुलानुशासक प्रो. गीता सहारे, पूर्व विभागाध्यक्ष अंग्रेजी प्रो. अनिल अनेजा, वाणिज्य विभाग में प्रो. अमित कुमार सिंह, हिंदी विभाग से प्रो. मंजू मुकुल कांबले, पीजीडीएवी कॉलेज के प्रो. मनोज कुमार कैन, प्रो.संदीप, प्रो. बलदेव सिंह चौहान, डीटीयू के प्रो. जयगोपाल शर्मा,जेएनयू में अर्थशास्त्र के प्रो. शक्ति कुमार, प्रो. अरविंद कुमार, प्रो. प्रीतम शर्मा, डॉ. धर्मवीर यादव गगन (post-doctoral fellow, School of Language, Literature and Culture Studies (SLL&CS) Jawaharlal Nehru University, New Delhi को पेरियार ललई सिंह ग्रंथावली जैसे ऐतिहासिक बौद्धिक और अकादमिक कार्य हेतु सम्मानित किया गया l उनका का परिचय :- धर्मवीर यादव गगन का जन्म 2 जुलाई, 1988 आजमगढ़, उत्तर प्रदेश, भारत में हुआ l ये शिक्षक और शिक्षित परिवार से हैं l ये मूलतः अनुसन्धानकर्ता हैं। जमीनी शोध कार्यों में कई वर्षों से सक्रिय हैं। अपनी बौद्धिक अभिरुचि के कारण साहित्य, समाज, धर्म, संस्कृति, अर्थ, राजनीति आदि की गम्भीर समझ रखते हैं। छात्र आन्दोलनों में लगातार सक्रिय हैं। अपने समाज और राष्ट्र को बौद्धिक-अकादमिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के साथ लगातार प्रबोधित कर रहे हैं। अपना वैचारिक हीरो बुद्ध, कबीर, फुले, अम्बेडकर, पेरियार, मंडल और फूलन को मानते हैं। इन्होंने एक फिल्म और एक नाटक में अभिनय भी किया है।
अकादमिक व्यक्तित्व : बी.ए.-इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद; एम.ए.-हंसराज कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली; एम.फिल.-हैदराबाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय, हैदराबाद; पीएच.डी.-दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली, P.D.F. (post-doctoral fellow) --जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से किए हैं।
सम्मान : साहित्य में सामाजिक न्याय की खोज हेतु बहुजन इंटेलेक्चुअल
कांचा इलैया और माननीय श्री शरद यादव के हाथों जेएनयू में 'बी.एन. मंडल स्मृति सम्मान,
2017” से सम्मानित, विशेष सन्दर्भ : पेरियार ललई सिंह के साहित्य और चिन्तन की खोज।
ऐतिहासिक अनुसन्धान : अपने पेरियार ललई सिंह के संपूर्ण साहित्य
और चिंतन को संपूर्ण भारत से अनुसन्धानपरक खोज करते हुए एकत्रित किया l इसे 'पेरियार
ललई सिंह ग्रंथावली' के रूप में संकलित-सम्पादित करने में सात वर्ष का समय लगा l यह
'पेरियार ललई सिंह ग्रंथावली', राजकमल प्रकाशन समूह, नई दिल्ली से 5 खंड और 2000 पृष्ठ
में प्रकाशित हुई है l इसका चौथा संस्करण प्रकाशित हो रहा है l इस ग्रंथावली ने इतिहास
बना दिया है l यह संपूर्ण भारत और दुनिया में पढ़ी जा रही है l), महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी
के डॉ. हरिओम दहिया, डॉ.निर्मला, डॉ. के. योगेश, स्टार सवेरा के सम्पादक डॉ. बलवान
सिंह बबियान फरीदाबाद ज्योति के सम्पादक श्री इन्द्र सिंह, उत्तर प्रदेश अमरोहा से
डॉ. बबलू सिंह, राष्ट्रीय कवयित्री प्रीति चौधरी, डाइट दिल्ली से डॉ. पवन कुमार, हैदराबाद
से डॉ. टी. विष्णु मुर्थि को अंतर्राष्ट्रीय सावित्रीबाई फुले अवार्ड से सम्मानित किया
गया। समारोह का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय माता सावित्रीबाई फुले शोध संस्थान, नई दिल्ली
ने बृहस्पतिवार को दिल्ली विश्वविद्यालय में किया गया। संस्थान के चेयरमैन डॉ. हंसराज
सुमन के अनुसार सम्मान स्वरूप सभी को शॉल, स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति पत्र, अंग वस्त्र
आदि भेंट किये गए ।
Dr. Dharam Beer Yadava Gagan Post-Doctoral fellow, (SLL&CS) Jawaharlal Nehru University, New Delhi |
समारोह का उद्घाटन मुख्य अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन ऑफ कॉलेजिज प्रो. बालाराम पाणि ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। अध्यक्षता दिल्ली विश्वविद्यालय भौतिकी विभाग में प्रोफेसर पी. डी. सहारे ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड के अध्यक्ष श्री सुभाष चंद्र कानखेड़िया थे। इसके अलावा प्रो. के.पी. सिंह, सुश्री पल्लवी प्रियदर्शिनी, डॉ. संदीप कुमार, डॉ. जयप्रताप सिंह, डॉ. अशोक कुमार आदि भी उपस्थित थे। समारोह का संचालन संस्थान के शिक्षाविद् डॉ. के. योगेश ने किया।
मुख्य अतिथि प्रो. बालाराम पाणि ने अपने संबोधन में कहा कि माता
सावित्रीबाई फुले का सम्पूर्ण जीवन शिक्षा और समाज को समर्पित था, उन्होंने विषम परिस्थितियों
में समाज में व्याप्त कुरीतियों के विपरीत जाकर स्त्रियों को शिक्षा का अधिकार दिलाया,
संसाधनों के अभाव में भी वह स्त्री शशक्तिकरण के लिए दृढ़ता से लड़ती रहीं। उन्होंने
कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय से जुड़े शिक्षकों और छात्रों का समाज के लिए विशेष योगदान
होना चाहिए l जिसमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से गरीब, पिछड़े और वंचित लोगों के
लिए तत्पर हो कर कार्य करते रहना होगा, वैसे ही जैसे सावित्री बाई फुले ने किया, इसी
भाव में समाज का विकास निहित है। साथ ही विश्वविद्यालय से जुड़े सभी लोगों को सामाजिक
साक्षरता बढ़ाने में योगदान देना चाहिए। अंत में, उन्होंने विश्वविद्यालय के 100 वर्ष
पूरे होने व आजादी का अमृत महोत्सव की शुभकामनाएँ दी।
संस्थान के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने अपने संबोधन में माता सावित्रीबाई फुले के शिक्षा और सामाजिक महत्व को बताते हुए मुख्य रूप से स्त्री शिक्षा, स्त्री सशक्तिकरण, रोजगार में स्त्री की भूमिका और समाज में स्त्रियों की स्थिति पर अपने विचार रखे। प्रो. के.पी. सिंह ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में सम्पूर्ण भारत के शैक्षिक पाठ्यक्रम में माता सावित्रीबाई फुले को पढ़ाना चाहिए l जिससे छात्र उनसे प्रेरित हों, और उनकी स्त्री दृष्टि से समाज में स्त्रियों के प्रति नवीन दृष्टिकोण पैदा हो। सावित्री बाई फुले के नाम पर उन्होंने कॉलेज व विश्वविद्यालय में पीठ खोलने का भी प्रस्ताव रखा।
इस कार्यक्रम में सम्मानित हुई प्रोफेसर कृष्णा शर्मा ने भी अपने
विचार रखे और कहा कि सावित्रीबाई फुले को पाठ्यक्रम में शामिल कर आज की युवा पीढ़ी को
उनके विषय में बताया जाना चाहिए l साथ ही, उन पर डीयू व अन्य विश्वविद्यालयों में शोध
कार्य हो और उनके साहित्य का अनुवाद किया जाना चाहिए l जिससे कि अन्य भारतीय भाषाओं
में लोग पढ़ सकें। प्रोफेसर गीता सहारे ने भी बालिकाओं की शिक्षा पर जोर दिया और कहा
कि हमें सावित्रीबाई फुले की शिक्षाओं से प्रेरणा लेकर गाँव-गाँव में विद्यालय खोलने
के लिए सरकार व संस्थाओं को प्रेरित करना चाहिए। मंच संचालन श्री दयानंद वत्स ने किया,
इस आयोजन में आए अतिथियों के लिए धन्यवाद ज्ञापन प्रो. के.पी. सिंह ने किया। जो आर्य
भट्ट कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली में युक्त हैं l
डॉ हंसराज सुमन
चेयरमैन : अंतर्राष्ट्रीय माता सावित्रीबाई फुले शोध संस्थान, नई दिल्ली
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